कामिका एकादशी कब है, क्या करें इस दिन, कैसे करे पूजा, कामिका एकादशी व्रत कथा, kamika ekadashi 2023.
श्रावण महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जानते हैं और ये बहुत अधिक महत्त्व रखता है |
2023 में कामिका एकादशी 13 जुलाई Guruwar को है | एकादशी तिथि 12 जुलाई को shaam 6:00 पे शुरू होगा और 13 को shaam 6:25 तक रहेगा |
kamika ekadashi kab hai |
आइये जानते हैं kamika ekadashi के व्रत करने से क्या फायदे होते हैं :
- इस दिन जो लोग भगवन विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं, उपवास रखते हैं उन्हें गंगा स्नान से भी ज्यादा पुण्य फल की प्राप्ति होती है |
- जो लोग गौ दान नहीं कर सकते हैं अगर वो इस व्रत को करें तो उन्हें गौदान का फल प्राप्त होता है |
- कामिका एकादशी को भगवन विष्णु की पूजा करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं |
- इस दिन उपवास करने से नाग देवता भी खुश होते हैं |
- कुंडली में मौजूद अनेक दोषों की शांति सिर्फ कामिका एकादशी के व्रत और पूजन करने से होती है |
- जो लोग अध्यात्मिक पथ पर बढ़ना चाहते हैं उनके लिए भी ये दिन बहुत महत्त्व रखता है |
- जो लोग कामिका एकादशी को विष्णुजी की पूजा तुलसीदल से करते हैं उन्हें स्वर्ण और चांदी के दान का फल प्राप्त होता है |
- अगर कोई वावास्तव में पुण्ये एकत्रित करना चाहते हैं तो कामिका एकादशी से बेहतर कोई दिन नहीं है |
आइये जानते हैं kamika ekadashi की कथा :
एक गाँव में एक वीर क्षत्रिय रहता था। एक दिन किसी कारण वश उसकी ब्राह्मण से हाथापाई हो गई और ब्राह्मण की मृत्य हो गई। अपने हाथों मरे गये ब्राह्मण की क्रिया उस क्षत्रिय ने करनी चाही। परन्तु पंडितों ने उसे क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया। ब्राह्मणों ने बताया कि तुम पर ब्रह्म-हत्या का दोष है। पहले प्रायश्चित कर इस पाप से मुक्त हो तब हम तुम्हारे घर भोजन करेंगे।
इस पर क्षत्रिय ने पूछा कि इस पाप से मुक्त होने के क्या उपाय है। तब ब्राह्मणों ने बताया कि श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को भक्तिभाव से भगवान श्रीधर का व्रत एवं पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराके दश्रिणा के साथ आशीर्वाद प्राप्त करने से इस पाप से मुक्ति मिलेगी। पंडितों के बताये हुए तरीके पर व्रत कराने वाली रात में भगवान श्रीधर ने क्षत्रिय को दर्शन देकर कहा कि तुम्हें ब्रह्म-हत्या के पाप से मुक्ति मिल गई है।
इस व्रत के करने से ब्रह्म-हत्या आदि के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और इहलोक में सुख भोगकर प्राणी अन्त में विष्णुलोक को जाते हैं। इस कामिका एकादशी के माहात्म्य के श्रवण व पठन से मनुष्य स्वर्गलोक को प्राप्त करते हैं।
कामिका एकादशी का व्रत श्रावण महीने और चातुर्मास में आता है जिसके कारण इसका महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है |
सुनिए भगवान विष्णु का दिव्य मन्त्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
कैसे करें कामिका एकादशी का व्रत और पूजन:
- प्रातः काल जल्दी उठ के नित्य क्रियाओं से मुक्त हो जाएँ |
- अपने पूजा स्थान में जाके भगवन विष्णु के सामने कामिका एकादशी का व्रत और पूजन करने का संकल्प लीजिये |
- भगवन विष्णु का पूजन करें, धुप, दीप, नवैद्य अर्पित करें, तुलसी दल से भी पूजन करें और पंचामृत से अभिषेक भी करें |
- भगवन से प्रार्थना करें की आपके समस्त पापो का नाश करें और कृपा प्रदान करें |
- पुरे दिन और रात्री को उपवास रखे | जो लोग पुरे दिन और रात्री को उपवास नहीं रख सकते हैं वे लो फलाहार खा सकते हैं |
- द्वादशी के दिन ब्राहमण भोज करवाके और यथा शक्ति दान देने के बाद ही भोजन करना चाहिए |
- इस दिन हम विष्णु सहस्त्रनाम का जप कर सकते हैं या फिर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप कर सकते हैं |
- कामिका एकादशी को हमे तुलसी का पूजन भी करना चाहिए|
2023 कामिका एकादशी की कुछ ख़ास बाते :
जो भी भक्त kamika ekadashi को विष्णु जी का पूजन करते हैं, व्रत रखते हैं वे समस्त पापो से मुक्त होते हैं, उनके पितृ भी उच्च गति पाते हैं और भगवन विष्णु की कृपा से विष्णु लोक को प्राप्त होते हैं देह छोड़ने के पश्चात |
- इस दिन गोचर कुंडली में चन्द्रमा अपने उच्च राशि वृषभ में रहेंगे |
- सूर्य ग्रह स्म राशि में रहेंगे |
- मंगल अपने मित्र राशि सिंह में रहेंगे |
- बुध, शुक्र और राहु अपने शत्रु राशि में रहेंगे |
- गुरु और केतु अपने मित्र राशी में रहेंग |
- शनि स्व राशि कुम्भ में रहेंगे |